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लड़कियाँ होंगी - Ladkiyaan Hongi

By Lokesh Gulyani
on Nov 21, 2023
लड़कियाँ होंगी - Ladkiyaan Hongi

कोई सोच कर कहानी नहीं लिख सकता। सोच कर आप सिर्फ़ ढांचा खड़ा कर सकते हैं पूरी ईमारत नहीं। कहानी को कहानी स्वयं लिखवाती है। ऐसा ही कुछ मेरे हाथों भी हो गया है। जिसे आप इस १३ कहानियों के संग्रह में पढ़ सकते हैं। वस्तुतः मेरी कोशिश यह रहती है कि ज़्यादा से ज़्यादा इतर रंगों-बू की कहानियां संग्रह का हिस्सा बनें और 'लड़कियां होंगी' भी एक ऐसी ही कोशिश है। कोई पिछले ३-४ सालों में कुछ कहानियां इक्कट्ठी होती चली गई तो लगा अब समय आ गया है कि इन पर जिल्द चढ़ जाए और यह दुनियाँ का चलन देख ले। लेखक परिचय - लोकेश गुलयानी लेखन को गंभीरता से लेते हैं। हालांकि वह कभी लेखन के क्षेत्र में उतरेंगे यह उन्होंने कभी गंभीर होकर नहीं सोचा था। वर्ष २००१ में राजस्थान विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र से एम.ए. करते हुए वह एक बात तो समझ चुके थे कि आगे जीवन में उन्हें क्या करना है, यह उन्हें बिल्कुल भी नहीं पता है। सिवाय चिंता और चिंतन के क्या कर सकते थे सो वह भी किया। इससे और कुछ हुआ हो या न हुआ हो पर इनकी अवलोकन क्षमता का दायरा ज़रूर बढ़ गया और वह इतना बढ़ा कि इन्हें जगह-जगह कहानियां नज़र आने लगी। 'लड़कियाँ होंगी' इनकी सांतवी पुस्तक है।

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