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वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी को फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ ने सम्मानित किया

फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ द्वारा सम्मानित हिन्दी प्रकाशक अदिति माहेश्वरी—फ्रांस और हिन्दी साहित्य के संगम में एक अद्वितीय योग.
on Dec 08, 2023
वाणी प्रकाशन की निदेशक अदिति माहेश्वरी को फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ ने सम्मानित किया | Frontlist

दिल्ली- भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ ने गत दिवस सायं फ्रांसीसी दूतावास में एक विशेष समारोह में हिन्दी प्रकाशक अदिति माहेश्वरी को ‘शेवेलियर डिज आर्ट एट लेट’ सम्मान (नाइट ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ आर्ट्स एंड लेटर्स) के प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। यह गौरव हिन्दी प्रकाशन के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों और हिन्दी भाषा में हाशिए पर विश्व की नारीवादी आवाज़ों को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।

फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ ने कहा कि "भारत में हिन्दी भाषा के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुराने प्रकाशन घरानों में से एक वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक सुश्री अदिति माहेश्वरी को संस्कृति मन्त्रालय की ओर से ‘शेवेलियर डिज आर्ट एट लेट’ सम्मान’ (नाइट ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ आर्ट्स एंड लेटर्स) के प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। हिन्दी भाषा साहित्य के प्रति आपके समर्पण और हिन्दी भाषा के पाठकों के लिए विश्व साहित्य उपलब्ध कराने की पहल की विशेषकर महिला के रूप में उत्कृष्टता के साथ आपने तैयारी की और जहाँ प्रकाशन व्यवसाय में पुरुष प्रमुख थे, वहीं स्त्री होते हुए भी आप हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं। मेरा मानना है कि आपकी यात्रा ने प्रकाशन उद्योग में शामिल होने की इच्छुक कई महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया है, जो लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण क़दम है। इससे पहले फ़िल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, ऋचा चड्ढा को यह सम्मान पूर्व में दिया जा चुका है।”

सम्मान से ठीक पहले सिमोन द बुव्आर के साहित्य पर एक परिचर्चा का आयोजन हुआ जिसमें प्रख्यात कवि आलोचक अशोक वाजपेयी ने कहा, “फ्रांस की उपस्थिति ललित कला और सर्जनात्मक साहित्य, कविता और कथा साहित्य के क्षेत्र में है। हमारे समक्ष एमीजोला, ज्यां पाल सार्त्र, अलबेयर कामू के उपन्यास सामने आते हैं । ऐसे ही समय में सिमोन द बुव्आर की कृति ‘द सेकेंड सेक्स’ हमारे सामने आती है जो स्त्रियों से सम्बन्धित सच्चाई सामने लाती हैं।”

प्रख्यात कवयित्री अनामिका ने कहा, “दो देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए अनुवाद ही एकमात्र माध्यम है। रोम्या रोलां ने रवीन्द्रनाथ टैगोर और विवेकानन्द की जीवनी लिखी। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान है।”

सुप्रसिद्ध आलोचक रोहिणी अग्रवाल ने कहा, “सीमोन धर्म, विवाह, मीडिया की संरचना में कैसे भेद करती हैं, वे उसे समाज के सामने लाती हैं। वे समाज के भीतर विद्यमान पितृसत्ता की तहों तक जाती हैं और उसे अपने लेखन के माध्यम से सामने लाती हैं।”  

परिचर्चा का सफल संचालन अदिति माहेश्वरी ने किया।

वाणी प्रकाशन इस वर्ष प्रकाशन के 60 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। 400 वार्षिक प्रकाशनों के साथ, लगभग विशेष रूप से हिन्दी में, वाणी प्रकाशन समूह भारत के सबसे पुराने प्रकाशन गृह, भारतीय ज्ञानपीठ के प्रकाशन कार्यक्रम को संभालने के बाद सबसे बड़ा प्रकाशन समूह बन गया है। वाणी प्रकाशन की सूची में 32 साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता पुस्तकें और लेखक, हिन्दी में अनूदित 9 नोबेल पुरस्कार विजेता और कई अन्य पुरस्कार विजेता लेखक और पुस्तकें शामिल हैं। वाणी प्रकाशन ने 2008 में फेडरेशन ऑफ़ इंडियन पब्लिशर्स द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित प्रकाशक पुरस्कार जीता है। अध्यक्ष, अरुण माहेश्वरी को ऑक्सफोर्ड बिजनेस कॉलेज, ऑक्सफोर्डशायर, लन्दन द्वारा ‘बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। अपनी 51 वीं वर्षगाँठ पर, प्रकाशन हाउस ने अपनी ग़ैर-लाभकारी शाखा वाणी फाउंडेशन की नींव रखी। फाउंडेशन अनुवाद के क्षेत्र में काम करता है और भारत के प्रतिष्ठित ‘वाणी फाउंडेशन प्रतिष्ठित अनुवादक पुरस्कार’ की स्थापना की, जिसके लिए अदिति माहेश्वरी प्रबन्धक के रूप में कार्य करती हैं।

वाणी प्रकाशन की सूची में हिन्दी में अनुवादित फ्रांसीसी साहित्य के कई क्लासिक्स शामिल हैं, लेकिन अदिति माहेश्वरी के मार्गदर्शन में उन्होंने उन आवाज़ों में विविधता लाना शुरू कर दी है जिन्हें वह प्रकाशित करना चाहती हैं, ख़ासकर जब अनुवाद की बात आती है। 2021 में, वह मार्जान सतरापी के फ्रांसीसी ग्राफिक उपन्यास ‘पर्सेपोलिस’ को प्रकाशित करती हैं, जिसने पब्लिशिंग नेक्स्ट के 2022 बेस्ट प्रिंटेड बुक ऑफ़ द ईयर का पुरस्कार जीता। 2020 में उन्होंने  सिमोन द बोव्आर के प्रतिष्ठित पाठ ‘द सेकंड सेक्स’ का एक नया अनुवाद प्रकाशित किया और वह यहीं नहीं रुकेंगी। उनका इरादा आने वाले वर्षों में कई और अनुवाद शुरू करना है, जो नारीवादी आवाज़ों की बहुलता को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है।

अदिति माहेश्वरी ने कहा, "वाणी प्रकाशन समूह एक समावेशी हिन्दी और भारतीय भाषाओं के सार्वजनिक क्षेत्र के केन्द्र में है। फ्रांसीसी इतिहास और विचार एक ही आदर्शों में विश्वास करते हैं और भारतीय भाषाओं, साहित्य और विचारों पर गहरा प्रभाव डालते हैं। यह बहुत सम्मान का क्षण है कि वाणी प्रकाशन समूह की यात्रा, इसकी यात्रा को प्रतिष्ठित  ‘शेवेलियर डिज आर्ट एट लेट, Chevalier de l’Ordre des Arts et des Lettres' से सम्मानित किया गया है। फ्रांसीसियों की तरह हम भी स्वतन्त्रता, समानता और बन्धुत्व के आदर्शों के साथ खड़े हैं। मुझे यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान करने के लिए मैं भारत में फ्रांस के राजदूत महामहिम श्री थिएरी माथौ को धन्यवाद देती हूँ। मैं इसे लेखकों, हिन्दी भाषा और इसके साहित्यिक इतिहास की ओर से कृतज्ञता के साथ स्वीकार करती हूँ। इसके साथ ही मैं अपने अभिभावकों,  परिवारजनों, गुरुजनों और मीडिया के वरिष्ठजनों और वाणी प्रकाशन की टीम के प्रति आभार व्यक्त करती हूँ।”

इस मौक़े पर मोनिका सिंह द्वारा अनुवादित सिमोन द बोव्आर लिखित ‘द सेकंड सेक्स’ पुस्तक का कवर  लोकार्पित हुआ। इस तारीख तक, हिन्दी पाठकों को केवल भारतीय कवि और नारीवादी प्रभा खेतान द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त संस्करण तक पहुँच थी। फरवरी 2024 में जारी होने वाला यह नया अनुवाद हिन्दी पाठकों को सिमोन द बोव्आर के विचारों और दृष्टि के पूर्ण दायरे तक पहुँच प्रदान करेगा। कार्यक्रम में साहित्य और मीडिया जगत के नामचीन व्यक्ति शामिल हुए जिसमें जवाहर सरकार, विमलेन्द्र, मोहन मिश्र, मृदुला गर्ग, ममता कालिया, राहुल देव, विनोद भारद्वाज, सुरेश ऋतुपर्ण, अनंत विजय, संजीव पालीवाल, अमरेश द्विवेदी , जयप्रकाश पांडेय, हरियश राय, दिविक रमेश, प्रभात रंजन, आनंद प्रधान, आलोक श्रीवास्तव, आध्यात्मिक गुरु ओमा द अक्क, जयप्रकाश कर्दम, तसलीमा नसरीन, गरिमा श्रीवास्तव एवं फ़्रांसीसी दूतावास के सदस्य और प्रबुद्धजन शामिल रहे।

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