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तजेन्द्र सिंह लूथरा का नया काव्य संकलन लोकर्पित

पहली कविता उन्होंथने 2008 में 26/11 के मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद तमाम पुलिसकर्मियों और नागरिकों के शहीद होने के बाद लिखी थी।
on May 15, 2023
तजेन्द्र सिंह लूथरा का नया काव्य संकलन लोकर्पित

वरिष्ठ कवि  एवं आई.पी.एस. अधिकारी तजेन्द्र सिंह लूथरा के नये कविता संग्रह ‘एक नया ईश्वर’ के  लोकार्पण व परिचर्चा का आयोजन 14 मई 2023 को शाम 6:00 बजे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर कमला देवी कॉम्प्लेक्स, हाल , 1-2-3, 40, मैक्समूलर मार्ग, लोधी एस्टेट, नयी दिल्ली 110003  में आयोजित किया गया। 

• 'तजेन्द्र' एक प्रोग्रेसिव शायर हैं और जानते हैं कि किसी भी सोसाइटी की तरक़्क़ी, प्रगति, प्रश्न बिना, सवाल बग़ैर नहीं होती – गुलज़ार साहब
• इन कविताओं ने मेरे अन्दर की मानवीयता का विस्तार किया है - गगन गिल 
• कविता संग्रह सामाजिक जीवन के साधारण प्रसंग का संग्रह है – प्रयाग शुक्ल 
• कविता ऐसी होनी चाहिए जो पढ़ने वाले के मर्म तक जाये - तजेन्द्र सिंह लूथरा
• हमारे प्रकाशन के 60वें  वर्ष में तजेन्द्र जी को प्रकाशित करना बेहद गर्व का विषय है - अरुण माहेश्वरी 
• कवि होने के लिए अनुभव, स्मृतियाँ व निरीक्षक होना अनिवार्य होता है –सुधा उपाध्याय
• आत्म लिखने से पहले पढ़ना चाहिए। लेखक वही हो सकता है जो अच्छा पाठक हो- बलबीर पुंज
 

नयी दिल्ली : वाणी प्रकाशन ग्रुप से प्रकाशित वरिष्ठ कवि  एवं आई.पी.एस. अधिकारी तजेन्द्र सिंह लूथरा के नये कविता संग्रह ‘एक नया ईश्वर’ के  लोकार्पण व परिचर्चा का आयोजन 14 मई 2023 को शाम 6:00 बजे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर कमला देवी कॉम्प्लेक्स, हाल , 1-2-3, 40, मैक्समूलर मार्ग, लोधी एस्टेट, नयी दिल्ली 110003  में आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ कवि प्रयाग शुक्ल, मुख्य वक्ता सुपरिचित कवयित्री गगन गिल, वक्ता लेखिका सुधा उपाध्याय, वरिष्ठ आलोचक व कवि प्रताप राव कदम, प्राचार्या व आलोचक डॉ.  किरण मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार व लेखक बलबीर पुंज और पुस्तक के लेखक तजेन्द्र सिंह लूथरा उपस्थित रहे। साथ ही वाणी प्रकाशन ग्रुप के चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी और वाणी प्रकाशन ग्रुप की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल का सान्निध्य रहा। कार्यक्रम का संचालन कवि-गीतकार व समालोचक ओम निश्चल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वाणी प्रकाशन ग्रुप की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल  अदिति ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत किया व वाणी प्रकाशन ग्रुप के चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक अरुण माहेश्वरी जी ने सभी को पौधे देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अरुण जी ने कहा कि हमारे प्रकाशन के 60वें  वर्ष में तजेन्द्र जी को प्रकाशित करना बेहद गर्व का विषय है।

तजेन्द्र सिंह लूथरा कवि, कथेतर लेखक व वरिष्ठ आई.पी.एस अधिकारी हैं। उनकी कविताएँ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं तथा समाचार-पत्रों जैसे–‘आलोचना’, ‘वागर्थ’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘पब्लिक एजेंडा’ तथा ‘जनसत्ता’ में छपती रही हैं। उनकी कविता- अरबी घोड़ा का अंग्रेज़ी अनुवाद अमेरिकन साहित्यिक पत्रिका ‘Lammergier’ में भी प्रकाशित हुआ है। उनके लेख प्रतिष्ठित समाचार-पत्रों – टाइम्स ऑफ़ इंडिया (स्पीकिंग ट्री), ‘द हिन्दू’ (ओपन पेज) तथा ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपते रहते हैं। 

पहली कविता उन्होंथने 2008 में 26/11 के मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद तमाम पुलिसकर्मियों और नागरिकों के शहीद होने के बाद लिखी थी। वह कविता अस्तिेत्वे के सवालों से भरी थी। आख़िर इन पुलिसकर्मियों और नागरिकों के बलिदान के क्याक मायने हैं हमारे समय में। तभी एक रात उनके भीतर से एक कविता उमड़ पड़ी थी- ‘मैं आभारी हूँ आपका’। लूथरा जी कहते हैं कविता ऐसी होनी चाहिए जो पढ़ने वाले के मर्म तक जाये।

वरिष्ठ पत्रकार व लेखक बलबीर पुंज ने कहा, 'एक नया ईश्वर’ कविता संग्रह एक  नयी उत्सुकता पैदा करता है।  हम सभी किसी न किसी स्तर पर सुख-दुख झेलते है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आत्म लिखने से पहले पढ़ना चाहिए। लेखक वही हो सकता है जो अच्छा पाठक हो।   

डॉ. किरण मिश्रा भारत की एक समकालीन महिला साहित्यकार एवं कवयित्री हैं। उन्होंने तजेन्द्र जी को उनके नये कविता संग्रह के लिए बधाई देते हुए पुस्तक से 'अरबी घोड़ा' कविता का वाचन किया। डॉ. किरण ने कहा ‘अरबी घोड़ा’ पढ़कर लगा आज का मनुष्य घनीभूत नियम से हटकर अपने नियम गढ़ना चाहता है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रताप राव कदम अपने विचार सभी के साथ सांझा किये।

श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, खंडवा (म.प्र.) में प्राध्यापक प्रताप राव कदम ने तजेन्द्र जी की पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा, " दुख लिखने के लिए प्रेरित करता है।" 
प्रताप राव कदम की देश की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित होती रहती हैं, उनकी कुछ कविताओं का अन्य भाषाओं में अनुवाद हुआ है।

प्रो. सुधा ने तजेन्द्र जी को बधाई देते हुए कहा, कवि होने के लिए अनुभव, स्मृतियाँ व निरीक्षक होना अनिवार्य होता है।  तजेन्द्र जी में ये सभी गुण हैं। उन्होंने नामवर जी को उद्घृत करते हुए कहा, “ कविता को थम कर पढ़ना चाहिए और पढ़कर थमना चाहिए। इससे यह सिद्ध होता है कि यह संग्रह केवल नये ईश्वर का नहीं बल्कि नये आदमी का भी है। 
गगन गिल ने तजेन्द्र को नये कविता संग्रह के लिए बधाई देते हुए कहा,  "बहुत लम्बे अरसे बाद कविता की किताब ने द्रवित किया। इन कविताओं ने मेरे अन्दर की मानवीयता का विस्तार किया हैं।" 

प्रयाग शुक्ल ने तजेन्द्र जी के कविता संग्रह को सामाजिक जीवन के साधारण प्रसंग का संग्रह कहा।
कार्यक्रम के अन्त में वाणी प्रकाशन ग्रुप की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल ने सभी अतिथि वक्ताओं के प्रति आभार प्रकट कर कार्यक्रम का समापन किया।


 

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